Sovereign Gold bond: क्या होता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम ?

Sheet B Sharma
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Sovereign Gold bond: क्या होता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम ?

Sovereign Gold bonds सोने के ग्राम में अंकित किए हुए सरकारी सिक्योरिटी होती है. यह सोने को भौतिक रूप से धातु के रूप में रखने की बजाय उसका एक विकल्प प्रदान करते हैं. कोई भी निवेशक इन्हें नकद मूल्य के साथ खरीद सकता है और इनकी मैच्योरिटी हो जाने पर इन्हें भुना सकता है. यह बांड्स सरकार द्वारा आरबीआई की तरफ से जारी किए जाते हैं. Sovereign gold bond में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो (4000 ग्राम) सोना खरीद सकता है.

सोने के बजाय Sovereign gold bonds खरीदने के क्या फायदे हैं

मार्किट में सोना किसी अन्य निवेशो के मुकाबले सुरक्षित निवेश माना जाता है, क्योंकि यह बाजार में समय के साथ सोने का मूल्य बढ़ता रहता है. सावरेन गोल्ड बॉन्ड में सोने की वह मात्र जिसके लिए निवेशक भुगतान करता है वह एक सुरक्षित निवेश होता है सावरेन गोल्ड बॉन्ड आपके घर के तिजोरी या किसी अन्य स्थान पर भौतिक रूप से सोना रखने का एक अच्छा विकल्प देता है इसमें आपको सोने को भौतिक रूप में नहीं रखना होता और न ही उसके चोरी हो जाने या खो जाने का रिस्क नहीं रहता है.

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SGBs में मैच्योरिटी के समय सोने के बाजार का मूल्य और ब्याज की भी पूरी कीमत मिलती है. गहने के रूप में सोने के मामले में एसजीबी निर्माण शुल्क यानी उसके बनाने में लगा खर्च और शुद्धता जैसे मुद्दों से मुक्त होता है. इन बांड्स को आरबीआई के रिकार्ड्स में या डीमैट फॉर्म में रखा जाता है जिससे आपके शेयर आदि के नुकसान का जोखिम नहीं रहता है.

8 साल का होता हैं, परिपक्वता समयावधि, उससे पहले बेचने पर देना होता है टैक्स

सॉवरेन गोल्ड बांड्स का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल रहता है. मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता. वहीं अगर आप 5 साल बाद अपना पैसा निकालते हैं, तो इससे होने वाले लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में 20.80% टैक्स लगता है.

SGBs में शुद्धता की पूरी गारंटी होती है

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में आपको पूरी शुद्धता की गारंटी मिलती है, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से जुड़ी हुई होती है.

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क्या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के जोखिम हैं

जिस तरह से सोने में निवेश करने पर सोने के दाम समय के साथ ऊपर या नीचे होते रहते हैं जिसमें सोने की कीमत घटने पर घाटा होता है तथा बढ़ने पर लाभ होता है, इसी तरह एसजीबी में भी सोने की बाजार में यदि कीमत में गिरावट आती है तो उसमें हानि का जोखिम होता है. हालाँकि, निवेशक को सोने की उन यूनिट्स के संदर्भ में नुकसान नहीं होता है जिनके लिए उसने भुगतान किया है.

सॉवरेन गोल्ड बांड में कौन निवेश कर सकता है

Sovereign gold bond में निवेश करने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 के तहत दी गई परिभाषा के अनुसार भारत में निवास करने वाला कोई भी व्यक्ति, SGBs में निवेश कर सकता है. इसमें कोई व्यक्ति, हिंदू संयुक्त परिवार यानी HUF, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल संस्थान शामिल है.

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